बादल है तो बरसेगा ही
बादल है तो बरसेगा ही
खेत किसी का सरसेगा ही,
भरा हुआ है जो अभाव से
ऐसा मन तो तरसेगा ही !
जल अध गगरी छलकेगा ही
व्यर्थ हुआ सा ढलकेगा ही,
आत्ममुग्धता में जो सिमटा
कदम-कदम पर ठिठकेगा ही !
यौवन इक दिन बीतेगा ही
ताक़त का घट रीतेगा ही,
कायाकल्प करा लो जितना
काल देवता जीतेगा ही !
सोया है जो जागेगा ही
सपनों में भी भागेगा ही,
कब तलक बचा-बचा रखोगे
चोर गठरिया लागेगा ही !

 
bilkul sach hai!!
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंबादल है तो बरसेगा ही ..कितने अर्थ समेटे हुए है यह छोटा सा वाक्य । वाह
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार गिरिजा जी!
हटाएंये बी जीवन की रीत है ... जो होना है होना है ... और हो भी जाना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएं