बने तेरा मधुबन, ओ कान्हा
!हमारा मन
सद्भावों की लताओं पर उगें शांति पुष्प
झर सम सहज
अश्रु हों तुझी को अर्पण !
प्रेम जलधार बहे उड़े उमंग की फुहार
स्नेह सुवास भरे चले शीतल बयार !
अंतर की पुलक शुभ्र माल बन सजे
श्रद्धा, ज्ञान, निष्ठा के दीप जल उठें
दोष कंटक बीन सुख शिला पर हो अर्चन
शुभ संकल्पों से आरती श्वासों से वन्दन
बने तेरा मधुबन, ओ कान्हा ! हमारा मन
बहुत सुंदर ..... जन्माष्टमी की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकृष्ण जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबने तेरा मधुबन, ओ कान्हा ! हमारा मन
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत भाव !
latest postएक बार फिर आ जाओ कृष्ण।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंऐसा ही हो! जन्माष्टमी की शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पंक्तियाँ.
जवाब देंहटाएंमन-मधुबन बन जाए -काश कभी हो पाए!
जवाब देंहटाएंश्याम ! मुझे अपनी गोपी बना लो , मेरा जन्म सफल हो जाए ।
जवाब देंहटाएंसंगीता जी, अनु जी, कालीपद जी, दर्शन जी, शालिनी जी, अनुराग जी, निहार जी, प्रतिभा जी, व शकुंतला जी आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और आभार !
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना ।
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