व्यक्ति या अभिव्यक्ति
अव्यक्त जब व्यक्त होता है शक्ति के साथ
कहलाता है व्यक्ति
और तब अहंकार का जन्म होता है
सीमाएं बनती हैं
जब व्यक्ति मात्र एक अभिव्यक्ति बन जाये उस अव्यक्त की
तो जन्मता है मोक्ष
टूट जाती हैं सारी सीमाएं !
पृथ्वी जब व्यक्त होती हैं देशों के माध्यम से
तो युद्धों का जन्म स्वाभाविक है
जैसे मानव ने गढ़ लिए हैं एक भूमि पर अनेक देश
वैसे ही नहीं क्या एक ब्रह्म में अनेक जगत
एक को जिसने पहचान लिया
वह मुक्त हुआ
वही भागीदार बना उस अनन्त सत्य का
एकत्व का अनुभव किया
वृक्षों, पर्वतों, गगन, अनल, पवन के संग
एक में सबको, सबमें एक को देखो
कृष्ण ने यही तो गाया है
एक ही प्रेम, एक ही दर्द
हर दिल में समाया है
एक ही सत्य को अनेक रूपों में दर्शाया है
हर बुद्ध ने इसी पथ पर चलाया है !
सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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