जीवन एक हवा का झोंका
मधु से मधु भर लें अंतर में
कुछ रंग चुरा लें कुसुमों से,
अंबर से नीलापन निर्मल
गह लें विस्तार दिशाओं से !
मन हो जाये गतिमय नद सा
हरियाली दुनिया में भर दे,
जीवन एक हवा का झोंका
बन कर जिसे सुवासित कर दे !
कदमों में विश्वास भरा हो
हाथों में हो बागडोर भी,
पलकों में नव स्वप्न भरे हों
पूर्ण सत्य की इक ज्वाला भी !
अपने पथ पर हो निशंक फिर
राही कदम बढ़ाता जाये,
कोई साथ सदा है उसके
मनहर गीत सुनाता जाये !
उर की गहराई से निकलें
सच के मोती बिखरें जग में,
नहीं थमे विकास की धारा
नहीं दम-खम प्रमाद का चले !
सुन्दर
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंकदमों में विश्वास भरा हो
जवाब देंहटाएंहाथों में हो बागडोर भी,
पलकों में नव स्वप्न भरे हों
पूर्ण सत्य की इक ज्वाला भी !
जीवन में उत्साह जगाती एक सुंदर सृजन 🙏
स्वागत व आभार कामिनी जी !
हटाएंअति सकारात्मक भावों से लबालब सुंदर रचना अनिता जी। ऐसी आशाओं भरी ऊर्जा कभी कम न हो।
जवाब देंहटाएंसस्नेह
सादर।
------
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार प्रिय श्वेता जी !
हटाएंसकारात्मक भाव लिए ... लाजवाब भावपूर्ण रचना ...
जवाब देंहटाएंअत्यंत हृदयस्पर्शी रचना
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएं