विश्वकर्मा पूजा पर ढेरों शुभकामनायें
एक भोर उजास भरी
जिस दिन आएगी भारत में
स्वप्न सृजन का दृग खोलेगा,
कर्मठता का हर अंतर में
एक सघन विश्वास उगेगा !
एक ज्योति आह्लाद भरी
जिस पल जन-जन में छाएगी
कृषक सुखद जीवन जीएगा,
नहीं मरेगा श्रमिक भूख से
औजारों में रब दीखेगा !
एक लहर आह्वान भरी
जिस क्षण छाएगी हर ओर
श्वास-श्वास होगी तब अर्पित,
गीत रचेगा कण-कण, भूमि
सरसेगी युग-युग से वंचित !
आमीन..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया आंटी !
जवाब देंहटाएंसादर
सुन्दर रचना ……पर्व की शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक रचना...
जवाब देंहटाएंwah....bahut sunder.
जवाब देंहटाएंॐ शान्ति
जवाब देंहटाएंजिस पल जन-जन में छाएगी
कृषक सुखद जीवन जीएगा,
नहीं मरेगा श्रमिक भूख से
औजारों में रब दीखेगा !
कुछ तो दो सम्मान श्रमिक को
मुंह माँगा वरदान न सही ,
पेट भर तो खाद्यान्न दीजिए ,
बिल से पेट नहीं भरता है ,
नेता पेट नहीं भरता है।
अति सुन्दर रचना।
अमृता जी, यशवंत जी, वीरू भाई, इमरान, कैलाश जी व् मृदुला जी आप सभी का स्वागत व आभार!
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