जाता हुआ साल
कोरोना का महाआतंक छाया रहा पूरे साल
शताब्दी की प्रथम महामारी से
आज भी दुनिया है बेहाल !
करोड़ों हुए संक्रमित, लाखों ने जान गंवायी
अर्थव्यवस्थाएं पटरी से उतरीं न जाने कैसी आफत आयी !
उम्मीद टिकी है वैक्सीन पर
राजनीतिक उठापटक चलती रही बदस्तूर
ट्रम्प हुए विदा बिदेन ने कमान संभाली
कृषक आंदोलन देश में जारी
जलवायु परिवर्तन ने भीषण रूप भी दिखाया
कहीं भयंकर गर्मी झेला तूफानों का साया
गूगल, फेसबुक और अमेजन का राज बढ़ा
टेक्नोलॉजी के सहारे ही दुनिया का काम चला
घर पर ही स्कूल बना, ज़ूम ने मिलाया
कम्प्यूटर स्क्रीन पर बच्चों को पढ़ाया
स्टेडियम खाली रहे खिलाड़ी नदारद
वापस आये भी तो मिले नहीं दर्शक
अच्छी बातें भी हुईं जाते हुए साल में
नदियां स्वच्छ, हवाएं भी साफ हुई
गीत बने, अनगिन कहानियाँ रची
परदेसी घर लौटे, नित नए पकवान बने
जिनको पहले वास्ता ना था रसोईघर से
वे दालों को पहचानने लगे
धनिये और जीरे में फर्क न थे जानते
वे अजवाइन को भी जानने लगे
सब कुछ हुआ ऑनलाइन नौकरी भी, शादियाँ भी
चेहरों पर मास्क लगाये, दो गज की दूरी भी
देखें ऊंट किस करवट बैठता है
नया साल गठरी से राज क्या खोलता है !
आने वाले समय की गठरी बहुत ही रहस्य पूर्ण होती है। कोई नहीं जान पाता है कि उस गठरी से क्या क्या निकलेगा परंतु उत्सुकता तो अवश्य बनी रहती है और आशा कहती है जो होगा अच्छा ही होगा ।
जवाब देंहटाएंजी, यही उम्मीद करनी चाहिए
हटाएं2020 वास्तव में बहुत उथल पुथल वाला वर्ष रहा।
जवाब देंहटाएंसही है
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 21 दिसंबर 2020 को 'जवान तैनात हैं देश की सरहदों पर' (चर्चा अंक- 3922) पर भी होगी।--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बहुत बहुत आभार !
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 20 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार !
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंसटीक
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंदेखें ऊंट किस करवट बैठता है
जवाब देंहटाएंनया साल गठरी से राज क्या खोलता है !
उम्मींद है कि सब अच्छा रहेगा...
बहुत बेहतरीन रचना...🙏
सुन्दर सृजन।
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसुशिल जी, डॉ शरद, आलोक जी, अनुराधा जी, व शांतनु जी आप सभी का स्वागत व हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएंहर बात के दो पहलू तो होते हैं ... ऐसे ही इस करोना काल के भी पक्ष हैं और पोसिटिव सोचने वाले अच्छा पक्ष देख ही लेता हैं ... भावपूर्ण ...
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