बुधवार, जनवरी 12

सूर्य देव राशि बदलेंगे

सूर्य देव राशि बदलेंगे


संधिकाल आया ऋतुओं का 

रुत शीत विदा लेने को है,  

खेतों में सरसों फूलेगी 

कुसुमाकर अब दूर नहीं है !


धरा घूमती निशदिन अनथक

सूर्य देव राशि बदलेंगे,

आम्र वाटिका महक उठेगी

तिल गुड़ के उपहार बँटेगे !


माना शीतल पवन अभी भी 

हाड़ कँपाती हुई बहेगी, 

किंतु आ रही आहट कोई 

सूर्य  रश्मियाँ यही कहेंगी !


खिचड़ी पोंगल की सुगंध से 

महक उठेंगे सब घर आँगन,  

रंग-बिरंगी कनकैया से 

 होगा सज्जित यह नीलगगन  !


लोहरी  की अग्नि ज्वाला में 

मन से हर इक  भेद मिटेगा, 

मकर संक्रांति पर एक हुआ 

भारत नई दिशा पकड़ेगा !


7 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १४ जनवरी २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. संधिकाल आया ऋतुओं का
    रुत शीत विदा लेने को है,
    खेतों में सरसों फूलेगी
    कुसुमाकर अब दूर नहीं है !
    अद्भुत..
    सादर..

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  3. बहुत सुंदर रचना । मकरसंक्रांति की शुभकामनाएँ ।

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  4. माना शीतल पवन अभी भी

    हाड़ कँपाती हुई बहेगी,

    किंतु आ रही आहट कोई

    सूर्य रश्मियाँ यही कहेंगी !
    सुन्दर काव्य अभिव्यक्ति 🙏

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  5. वाह! उत्सवोंभरें दिनों की सतरंगी आभा पर खूब लिखा आपने अनीता जी। सच में इन दिनो का आनंद ही कुछ और है 👌 आपको मकर संक्रांति पर ढेरों शुभकामनाएं और बधाई🙏❤️❤️🌷🌷

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