नए वर्ष की शुभकामनाएँ
हम भारत की आवाज़ बनें
उसकी ऊँची परवाज़ बनें,
नए वर्ष में नए हौसले
भर उर में नव आग़ाज़ बनें !
कोने-कोने में फहराएँ
योग-धर्म की ध्वजा पताका,
युद्ध काल रोकें मानव हित
मिल प्रगति का खींचें खाका !
नृत्य, कलाएँ, वाद्य हमारे
उपजे सभी पावन स्रोत से,
वास्तुकला विश्वकर्मा देव
औषधियाँ धन्वन्तरि लाए !
पावन कण-कण है भारत का
सुर ताल दे विद्यादायिनी,
श्री लक्ष्मी ऐश्वर्य लुटातीं
वीरता की देवी भवानी !
माँयें हैं मदालसा जैसी
ब्रह्म ज्ञान पुत्रों को देतीं,
यहाँ पुत्रियाँ सावित्री सी
निज वर अपने मत से चुनतीं !
भारत की महान विरासतों
के संवाहक हम बन जाएँ,
ज्ञान और विज्ञान क्षेत्र में
राह विश्व को यही दिखाए !
सत् के पथ पर चलना होगा
वरना जीवन अति कठोर है,
धर्म रीत को चुनना होगा
अन्यथा भावी अति घोर है !
नव वर्ष के स्वागत में एक से बढ़कर एक रचनाएँ लिख रही हैं आप ।
जवाब देंहटाएंआगामी वर्ष में भी ऐसे ही सुंदर, प्रेरक लिखती रहें।हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
आपको भी नए वर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ जिज्ञासा जी!
हटाएंनव वर्ष मंगलमय हो !
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार!
हटाएंअपने देश और अपनी संस्कृति का गौरवगान करती सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार मीना जी!
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार ओंकार जी!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, नववर्ष मुबारक हो
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार भारती जी!
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