बुधवार, अगस्त 28

शिवालय

शिवालय


कठिन है यात्रा कैलाश की

जहाँ मानसरोवर के निकट  

शिव का आवास है 

इसलिए उतर आये हैं शिव 

स्वयं काशी में 

गंगा तट पर किया प्रवास है 

सुगम है काशी जाना 

शिव को पाना 

फिर भी यदि कहे कोई 

दूर है काशी 

हर गाँव हर शहर में 

शिव बसते हैं 

मंदिर और शिवालय की चौखट भी 

यदि नहीं लांघी जाती 

तो स्वयं का मस्तक ही 

शिव का घर जान लें 

हर हर गंगे कहते 

सिर पर एक लोटा जल डाल लें 

उतर आएगी कैलाश की शीतलता 

भीतर कोई कहेगा 

ह्रदय गुफा में शिव का वास है 

जहाँ बसता परम उल्लास है !


6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" शनिवार 31 अगस्त 2024 को लिंक की जाएगी ....  http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह ,कण-कण में व्याप्त
    हैं शिव
    मन मथुरा,दिल द्वारका काया काशी जानि
    कबीर की भांति आपकी
    रचना भी मन में शिव हैं
    तो हर जगह शिवालय है के सत्य को उद्घाटित करती है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सही कह रही हैं आप, स्वागत व आभार अभिलाषा जी !

      हटाएं