गुरुवार, अगस्त 15

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ

स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएँ 


गगन  रंगा  केसरिया आज 

प्रकृति  भी फहराये तिरंगा, 

माटी का इक खंड नहीं है 

भारत भू है दिल धरती का !


देश आज आगे बढ़ता है 

बाधायें कितनी भी आएँ, 

क़ुर्बानी देकर जो पायी 

आज़ादी नव स्वप्न दिखाए !


सागर की धुर गहराई हो 

या अंतरिक्ष की ऊँचाई, 

देश-विदेश भारतीयों ने 

प्रतिभाओं की अलख जगायी !


माना अभी राह लंबी है

विकसित होने में भारत के,

इकजुट होकर पूर्ण करेंगे 

स्वप्न सभी भारतीय मिल के !


9 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
    वंदेमातरम्।
    -------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १६ अगस्त २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. "...
    माटी का इक खंड नहीं है
    भारत भू है दिल धरती का !
    ..."

    मातृत्व प्रेम का प्रदर्शन। बहुत सुन्दर।

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  3. सचमुच अगर सभी भारतीय अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करें तो हमारे देश को विकसित राष्ट्र बनने से कोई रोक नहीं सकता।
    सुंदर सार्थक रचना। बहुत बधाई दीदी।

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