रविवार, अगस्त 18

प्यार का राज यही



प्यार का  राज यही


लिखना-पढ़ना, हँसना-रोना  इतना ही तो आता था 

 आँखों से बतियाना लेकिन तुम्हीं ने सिखला दिया 


ज़िंदगी का यह सफ़र धूप में जब-जब कटा 

बदलियों का एक छाता तुम्हीं ने लगा दिया


कुछ कहें दिलों की दुनिया की कुछ सुनें 

प्यार का  राज यही, तुम्हीं ने बता दिया 


दिल अगर उदास हो देख लो आईना 

प्रीत का चंद्रमा तुम्हीं ने झलका दिया


प्रेम की बयार भी जब अभी बही न थी 

ह्रदय में गुलाब इक तुम्हीं ने उगा दिया


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