तिरंगा सुनाता है अपनी कहानी
राजा है इसमें न ही कोई रानी,
शहीदों के खूं से लिखी यह गयी है
हजारों की इसमें छुपी क़ुरबानी !
गुलामी का दर्द भयानक बड़ा था
घुट घुट के जीते थे शासन कड़ा था,
आजादी की शमा जब जली लहराती
तिरंगा गगन में ऊँचा खड़ा था !
बापू ने इसमें भरे रंग प्यारे
चरखा बना चक्र, संदेश धारे,
बढ़ते चलें तोड़ बाधायें पथ की
मंजिल सदा दे, आशा पुकारे !
केसरिया सुनाये साहस की गाथा
हरियाला भारत स्वप्न सजाता,
सच्चाई, शांति का संदेशा देकर
तिरंगा दिलों में आकांक्षा जगाता !
अनिता निहालानी
२५ जनवरी २०११
Tiring ki Shan ko samarpit aapki kavita men aazaad bharat ki mati ki khushbu bhi hai.
जवाब देंहटाएंकेसरिया सुनाये साहस की गाथा हरियाला भारत स्वप्न सजाता, सच्चाई, शांति का संदेशा देकर तिरंगा दिलों में आकांक्षा जगाता !
जवाब देंहटाएंवह अनीता जी -बहुत खूब.
सुंदर स्वागत गणतंत्र दिवस का ...!!
अनेक शुभकामनायें .