बुधवार, नवंबर 5

जन्मदिन पर

कल पिता का जन्मदिन है


उम्र हुई, तन करे शिकायत
कभी-कभी मन भी हो आहत,
लेकिन आत्मज्योति प्रज्वलित है
दिल में बसी ईश की चाहत !

अब भी दिनचर्या नियमित है
ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाते,
पीड़ा हँस कर सहना आता
औरों को भी राह दिखाते !

प्रभु भजन से सुबह सँवरती
दिन भर ही अध्ययन चलता है,
सुर संगीत का साथ पुराना
जिससे संध्या काल ढलता है !

संतानों को स्नेह बांटते 
नाती-पोती संग मुस्काते,
निज नाम सार्थक करके
सदा सहाय बन कर रहते !

नानक ने जो राह दिखाई
सदा उसी पर चले हैं आप,
जन्मदिन पर लें बधाई
हमें आप पर है अति नाज !



7 टिप्‍पणियां:

  1. पिता जी को जनम दिन की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
    कोमल, भावपूर्ण शब्दों से रचना को पिरोया है आपने ...

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  2. नानक ने जो राह दिखाई
    सदा उसी पर चले हैं आप,
    जन्मदिन पर लें बधाई
    हमें आप पर है अति नाज !
    ...गुरु नानक जयंती के शुभावसर पर जन्मदिन है आपके पिताजी जी यह तो बहुत अच्छा सुयोग हैं ...
    पिताजी को स्वस्थ जीवन की हार्दिक शुभकामनायें!

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  3. अति सुंदर। पिता जी का आशीर्वाद सदा मिलता रहे।

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  4. वाह...बेजोड़ भावाभिव्यक्ति


    गुरुपरब दियां सभ नूं लख लख बधाईयाँ.

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  5. आदरणीय अंकल जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई


    सादर

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  6. दिगम्बर जी, अनिल जी, कविता जी, देवेन्द्र जी,संजय जी व यशवंत जी आप सभी का स्वागत व आभार !

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