शुक्रवार, जनवरी 23

वसंत पंचमी पर शुभकामनायें

सरस्वती पूजा



गा रही है वाक् देवी  
गूँजती सी हर दिशा है,
शांत स्वर लहरी उतरती
शुभ उषा पावन निशा है !

श्वेत दल है कमल कोमल
श्वेत वसना वीणापाणि,
राग वासन्ती सुनाये
वरद् हस्ता महादानी !

ज्ञान की गंगा बहाती
शांति की संवाहिका वह,
नयन से करुणा लुटाये
कला की सम्पोषिका वह !

भा रही है वाग् देवी
सुन्दरी अनुपम सलोनी,
भावना हो शुद्ध सबकी
प्रीत डोरी में पिरोनी !

जग उठे मेधा जो सोयी
अर्चना तब पूर्ण होगी,
ताल-लय जीवन में प्रकटे
साधना उस क्षण फलेगी ! 

3 टिप्‍पणियां:


  1. जग उठे मेधा जो सोयी
    अर्चना तब पूर्ण होगी,
    ताल-लय जीवन में प्रकटे
    साधना उस क्षण फलेगी !
    - उसी क्षण की सतत प्रतीक्षा ,और जीवन का उद्देश्य भी यही !

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  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
    माँ सरस्वती की कृपा आप पर सदैव रहे !
    वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं...!!

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