रविवार, फ़रवरी 6

वासन्ती हवा

वासन्ती हवा


धूप ने पिया जब फूलों का अर्क

भर गयी ऊर्जा उसके तन-बदन में....

कल तक नजर आती थी जो कृश और कुम्हलाई

आज कैसी खिल गयी है...

वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !


वसुधा ने भी ली है अंगड़ाई

भर दिया सहज  वनस्पतियों में यौवन

सिकुड़ी, सूखी सी दिखती थीं जो डालें कल तक 

पल्लवों से मिल गयी है

वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !


पाले में ढके, कोहरे में खेत

झूमते पा परस वासन्ती हवा का

चुप सी खड़ी थी जो सरसों की हर वह कली कल 

फूल बन घर से गयी है

वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !


उर में हुलस उठी बाल-युवा सभी 

शीत से बेहाल घरों में क़ैदी थे  , 

हुल्लड मचाने टोली उनकी मिलजुल कर आज 

दोस्तों के घर गयी है

वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !


24 टिप्‍पणियां:

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (07-02-2022 ) को 'मेरी आवाज़ ही पहचान है गर याद रहे' (चर्चा अंक 4334) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

    जवाब देंहटाएं
  2. अतिसुन्दर रचना एक एक शब्द बहुत ही खूबसूरती से पिरोये गाएं हैं!

    जवाब देंहटाएं
  3. जीवन में हर्ष उल्लास का रंग भरती सुंदर रचना । बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय दीदी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बहुत आभार यशोदा जी!

    जवाब देंहटाएं
  5. आलोक जी, मनीषा जी, जिज्ञासा जी व इंडियन जी आप सभी का स्वागत व आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. मन को मुदित करता सरस बसंत गीत।
    सुंदर सृजन।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह ..... बसंत की सुंदर छटा बिखेरती रचना ।

    जवाब देंहटाएं
  8. कुसुम जी व संगीता जी, स्वागत व आभार !

    जवाब देंहटाएं
  9. शब्दों का बसंत मानों दृष्टि में जीवंत हो नज़र आ गया। हार्दिक शुभकामनाएं अनीता जी 🙏💐💐🌷🌷

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. वाह ! कितनी सुंदर प्रतिक्रिया, आपको भी वासंती उत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएँ रेणु जी!

      हटाएं

    2. 🙏🙏🙂
      उर में हुलस उठी बाल-युवा सभी
      शीत से बेहाल घरों में क़ैदी थे ,
      हुल्लड मचाने टोली उनकी मिलजुल कर आज
      दोस्तों के घर गयी है
      वसंत के आने की खबर उसको भी मिल गयी है !/////👌👌👌🙏

      हटाएं
  10. बसंत सी मनमोहक लाजवाब रचना
    वाह!!!

    जवाब देंहटाएं
  11. बसंत का आना उलास का छा जाना ... यही तो होता है उत्सव में बदल जाना ..
    आशा का सन्देश लिए सुन्दर काव्य ...

    जवाब देंहटाएं