या रब
या रब हो मेरे दिल का इतना बड़ा मकां
दुनिया के सब गमों को उसमें पनाह मिले !
बरसें मेरे आंगन में चाहे न बदलियाँ
सरहद के उस पार पर पानी सदा मिले !
चलता रहे इस दिल में दुआओं का सिलसिला
खुशबू सी जाके छूलें ऐसी शिफा मिले !
अंतर से फूटतीं हों नेह की हजार किरणें
पहरों में कैद गम का उनको पता मिले !
जन्मों से ढूंढते हैं तेरा ठिकाना जो रब
उनको मेरी नजरों से तेरा पता मिले !
अनिता निहालानी
५ अप्रैल २०११
आमीन......दुआ कबूल हो....
जवाब देंहटाएंसुभानाल्लाह......उर्दू में ये पोस्ट दिल को छू गयी.....खुदा आपको रहमतों से नवाज़े....आमीन
बहुत ही बढ़िया दिल को छू लेने वाली
जवाब देंहटाएंaek behtreen prarthna.
जवाब देंहटाएंजन्मों से ढूंढते हैं तेरा ठिकाना जो रब
जवाब देंहटाएंउनको मेरी नजरों से तेरा पता मिले.
बहुत सुंदर नज़्म.
दिल को छू लेने वाली ...बहुत सुंदर ..प्रार्थना उठने लगी है.
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