गणपति का पूजन करते हैं
मूल आधार में स्थित रहते
हैं शुभता का प्रतीक गणेश,
प्रिय अबोध बालक देवी के
चैतन्य परम प्रसाद गणेश !
विघ्नों की बाधा हरते हैं
मानवता को राह दिखाते,
पवित्रता असीम फैलाएँ
पुण्य शक्ति की रक्षा करते !
अंतर सहज समृद्ध बनाते
गणपति का पूजन करते हैं,
मानवों की बुद्धि सीमित है
गज का वह मस्तक धरते हैं !
भीतर जब शुचिता छायी हो
माँ की तभी कृपा बरसेगी,
नित्य साधना गणपति की जब
शुभ शक्ति तभी जागृत होगी !
मेधा को पावन करते हैं
सत् असत् का रहस्य बताते,
दृष्टि हो पावन चित्त भी स्थिर
नीर-क्षीर मनीषा जगाते !
गणपति प्रकाश हैं ... अग्रज हैं ...
जवाब देंहटाएंसभी विघ्न हरते हैं ... गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई हो ...
आपको भी गणेश पर्व पर शुभकामनायें !
हटाएंअति पावन अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार अमृता जी !
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