शनिवार, सितंबर 4

नींद

नींद 


हर रात हम अपने घर जाते हैं 

अनजाने ही 

और भोर में पोषित होकर लौटते हैं 

जाहिर है घर पर कोई है 

यदि रात सो न सका कोई

तो वह घर का पता ही भूल गया है 

या भटक गया है आधी रात को 

अथवा घर से दूर निकल गया है 

जाना चाहता है 

पर कोई वाहन नहीं मिलता 

भय और थकान भी उसे घेर लेते हैं 

नींद न आने पर अगले दिन 

लोग कैसे खोये-खोये से रहते हैं !


4 टिप्‍पणियां:

  1. नींद का महत्व कितना है पूरी नींद लेने के बाद पता चलता है और यदि नींद न आए तो फिर क्या कहना । अति सुन्दर रचना के द्वारा आपने बता ही दिया है ।

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