सत्यमेव जयते
सत्य की विजय होती है सदा
क्योंकि सत्य ही विजय है !
सत्य अग्नि है
जो हर झूठ को निगल जाती है अंतत: !
सत्य का दामन काँटों भरा लगता है
पर उल्लास के पुष्प भी वहीं खिलते हैं !
कहते हैं सत्य की राह दुधारी तलवार की तरह होती है
पर संतुलन की कला वहीं सीखी जाती है !
सत्य हरेक शै का आधार है
हरेक के अंतर्मन में छिपा निर्दोष प्यार है !
असत्य भी सत्य का सहारा लेता है
नादान रस्सी को ही साँप समझ लेता है
और सीपी को चाँदी !
सत्य कभी मरता नहीं
क्योंकि वह कभी जन्मता नहीं
असत्य बनावट है, जो जन्माया जाता है
सो एक दिन निश्चित है उसकी मृत्यु !
आप्तवचन। सत्यं शिवम् सुंदरम।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार अमृता जी !
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 13 मार्च 2022 को साझा की गयी है....
जवाब देंहटाएंपाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत बहुत आभार दिग्विजय जी!
हटाएंबहुत सुंदर शब्दों का संसार रचा...सत्य कभी मरता नहीं
जवाब देंहटाएंक्योंकि वह कभी जन्मता नहीं
असत्य बनावट है, जो जन्माया जाता है
सो एक दिन निश्चित है उसकी मृत्यु...वाह अनीता जी वाह
स्वागत व आभार अलकनंदा जी!
हटाएंबहुत सुंदर!सत्य पर सुंदर उद्बोधन सटीक मनहर।
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार कुसुम जी!
हटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
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