लो आ गया वसंत
धूप रानी हो गयी
रुत सुहानी हो गयी
बाग में कलियाँ खिलाता
छा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
खुशबुएँ तन पर लपेटे
रंग अनगिन भी समेटे
भू सजाता मुस्कुराता
भा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
भ्रमर गूँजते विकल
तितलियों के उड़ें दल
कुम्हलाया मुरझाया मन
खा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
मंजरी मदहोश हुई
मस्तियों की कोष हुई
आम्र वन में खिलखिलाता
सा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
बसंत के बहुत सुंदर रंग कविता में .... बसंत पंचमी की बहुत बहुत बधाई और शुभकामना !!
जवाब देंहटाएंलो आ ही गया बसंत .... बहुत खूबसूरत रचना . बसंत का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंबसंत पर बहुत सुंदर उद्गार ...!!
जवाब देंहटाएंबसंत का आगमन शुभ हो |
जवाब देंहटाएंधूप रानी हो गयी
जवाब देंहटाएंरुत सुहानी हो गयी
बाग में कलियाँ खिलाता
छा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
खुशबुएँ तन पर लपेटे
रंग अनगिन भी समेटे
भू सजाता मुस्कुराता
भा गया वसंत
लो आ गया वसंत !
मनमोहिनी सांगीतिक रचना।
सच में आ गया प्यारा वसंत
जवाब देंहटाएंकविता भी वासंती खुशबू लिए हुए
सादर !
सचमुच भा गया ,(मन)रंग से नहा गया !
जवाब देंहटाएंरंजना जी, अनुपमा जी, शिवनाथ जी, प्रतिभा जी, वीरू भाई, इमरान व संगीता जी आप सभी का स्वागत व आभार !
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