सोमवार, अगस्त 6

राखी के कोमल धागे





राखी के कोमल धागे




आया अगस्त
अब दूर नहीं श्रावणी पूनम
उत्सव एक अनोखा, जिस दिन
मधुर प्रीत की लहर बहेगी
हृदय जुड़ेंगे, बांध रेशमी तार
उरों में नव उमंग, तरंग जगेगी
और सजेंगे घर-घर में, दीपक-रोली के थाल
देकर कुछ उपहार हथेली में, बहना की
मुस्काएगा भाई, गुंजित होंगी सभी दिशाएं
बार-बार उत्सव यह आये !  

किन्तु दूर हैं जो भी प्रियजन
भेज राखियाँ, मधुर संदेशे
मना ही लेंगे रक्षा बंधन !
तिलक लगा मस्तक पर अपने
बाँध लीजिये राखी कर में
संग बंधी है शुभ कामना
पगी प्रीत में मधुर भावना
जीवन का हर पल सुखमय हो
हर इक उत्सव मंगलमय हो !

5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन हिरोशिमा दिवस और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  2. बहुत बहुत आभार हर्षवर्धन जी !

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  3. उत्तर
    1. सही कहा है आपने, स्वागत व आभार गगन जी !

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  4. कच्चे धागों में छुपा होता है भाई-बहन का प्यार
    बहुत सुन्दर

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