गुरुवार, दिसंबर 29

मन में है अपार ऊर्जा


नए वर्ष के लिये कुछ और संकल्प


श्रेष्ठ का चुनाव सदा हो, कुछ भी हेय न हो जीवन में
प्रेय मार्ग पर बहुत चल लिये, श्रेय सधे अब तो जीवन में

मन में है अपार ऊर्जा, सुप्त कहीं न रह जाये
जहाँ पहुंचने की ठानी है, स्वप्न भी उसका ही आये

जो भी जिस क्षण जीवन दे दे, सहज सदा स्वीकार रहे
कोई नहीं कामना व्यापे, परम का ही आधार रहे

भाग्य बना करता है उनका, जो प्रमाद नहीं करते
एक भूल छोटी सी ही हो, देती घाव, नहीं भरते

आगे बढ़ते-बढ़ते जीवन, पीछे लौट नहीं आये
भीतर कोई जाग गया हो, पुनः कभी न सो जाये 

8 टिप्‍पणियां:

  1. मन में है अपार ऊर्जा, सुप्त कहीं न रह जाये
    जहाँ पहुंचने की ठानी है, स्वप्न भी उसका ही आये
    bahut sunder

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  2. जो भी जिस क्षण जीवन दे दे, सहज सदा स्वीकार रहे
    कोई नहीं कामना व्यापे, परम का ही आधार रहे

    यह संकल्प हम सभी के मन में दृढ़ हो जाए!

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  3. इसी आशा के साथ ये नव वर्ष आये.......शुभकामनायें आपको|

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  4. मन में है अपार ऊर्जा, सुप्त कहीं न रह जाये
    जहाँ पहुंचने की ठानी है, स्वप्न भी उसका ही आये

    bahut hi sundar abhivykti badhai sath hi Nav varsh pr hardik subh kamnayen.

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  5. मन में है अपार ऊर्जा, सुप्त कहीं न रह जाये
    जहाँ पहुंचने की ठानी है, स्वप्न भी उसका आये

    बहुत सुन्दर भावोत्प्रेरक रचना...
    सादर बधाई...

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  6. बेहतरीन........आपको नववर्ष की शुभकामनायें

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  7. स्वप्न भी उसका.. बहुत बढ़िया..

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