बीज से फूल तक
कृषि भवन के विशाल कक्ष में
शीशे के जार में बंद एक नन्हा सा बीज
था व्याकुल बाहर आने को
नयी यात्रा पर जाने को....
खरीदने की मंशा लेकर तभी आया एक किसान
तैयार थी माटी, रोपा गया वह बीज उसी शाम
तृप्त हुआ था बीज
पाकर सिंचन
और ऊष्मा धरा की
उठने को आतुर था
गगन और पवन के सान्निध्य में
मर मिटने को था वह तैयार
मिलाने पंच भूतों की काया पंच भूतों से
पर नहीं था तैयार उसका खोल
जो आज तक था रक्षक
बना था बाधक
कांप उठा वह
क्या इस बार भी
भीतर ही भीतर सूख जायेगा
नन्हा सा अंकुर
नहीं... पुनः नहीं
जाना ही होगा इस खोल को
ताकि एक दिन फूल बनने की
सम्भावना को तलाश सके बीज
एक नयी पीढ़ी को सौंप जाये अपनी विरासत
पूरी शक्ति से भेद डाला आवरण
आ ऊपर धरा के ली दीर्घ श्वास
अभी लंबी यात्रा तय करनी है
कितने मौसमों की मार सहनी है
कितनी हवाओं से सरगोशियाँ
तितली, भंवरों से
गुफ्तगू करनी है
वह उत्सुक है जीवन को एक बार फिर जीने के लिए
उत्सुक है हवा, जल और ऊष्मा को पीने के लिये
फूल बन कर अस्तित्त्व के चरणों में समर्पित होने के लिए
कैसा होगा वह पल जब
अपना सौंदर्य और सुरभि सौंप
बच जायेगा यह बीज उन हजार बीजों में
अस्तित्त्व भी प्रतीक्षा रत है
बनने साक्षी उस घड़ी का...
बहुत सुन्दर अनीता जी...
जवाब देंहटाएंसंघर्ष सभी के जीवन में है..चाहे वो एक नन्हा बीज ही क्यूँ ना हो..
बहुत खूब.
हम सभी बीज..असीम संभावना लिए हुए.. प्रत्येक पंक्ति में सुन्दर भाव..
जवाब देंहटाएंवाह ………अति उत्तम रचना…………जीवन अनवरत चलता है ।
जवाब देंहटाएंक्या इस बार भी
जवाब देंहटाएंभीतर ही भीतर सूख जायेगा
नन्हा सा अंकुर
नहीं... पुनः नहीं
जाना ही होगा इस खोल को
ताकि एक दिन फूल बनने की
सम्भावना को तलाश सके बीज
एक नयी पीढ़ी को सौंप जाये अपनी विरासत
यही सोच इंसान में भी होनी चाहिए ..
अनीता जी.........हैट्स ऑफ |
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकल 18/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, जिन्दगी की बातें ... !
धन्यवाद!
बीज के खोल को जाना ही होगा, बीज के जीवन की खातिर...बहुत गंभीर चिंतन..उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...आभार
जवाब देंहटाएंजीवन के मूल चक्र को रचना का रूप दिया है ... अति सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंjeene k liye itni mehnat -mashakkat to sabhi ko karni padegi...aur risk bhi lene padenge.
जवाब देंहटाएंsunder prastuti.
विद्या जी, संगीता जी, अमृता जी, दिगम्बर जी, अनामिका जी, वन्दना जी, कैलाश जी, सदा जी व इमरान आप सभीका आभार!
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