बुधवार, जुलाई 4

अब राज छिपा कब तक रखे


अब राज छिपा कब तक रखे


कब अपना घूंघट खोलेगा
कब हमसे भी तू बोलेगा,
राधा का तू मीरा का भी
कब अपने सँग भी डोलेगा !

अब राज छिपा कब तक रखे
क्यों रस तेरा मन न चखे,
जब तू ही तू ही सभी जगह
इन नयनों को क्यों न दीखे !

अब और नहीं धीरज बंधता
मुँह मोड़ के क्यों है तू हँसता,
अब बहुत हुआ लुकना-छिपना  
तुझ बिन ना अब यह दिल रमता !

जो तू है, सो मैं हूँ, सच है
पर मुझको अपनी खबर कहाँ,
अब तू ही तू दिखता हर सूं
जाती है अपनी नजर जहाँ !

यह कैसा खेल चला आता
तू झलक दिखा छुप जाता है,
पलकों में बंद करूं कैसे
रह-रह कर बस छल जाता है !

16 टिप्‍पणियां:

  1. जो तू है, सो मैं हूँ, सच है
    पर मुझको अपनी खबर कहाँ,

    बहुत ही सुन्दर है कविता।

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  2. जो तू है, सो मैं हूँ, सच है
    पर मुझको अपनी खबर कहाँ,
    अब तू ही तू दिखता हर सूं
    जाती है अपनी नजर जहाँ !

    ....बहुत सुन्दर भक्तिमय प्रस्तुति...आभार

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  3. राज कभी छुप सकते हैं क्या.. रह-रह कर अपनी झलक दिखला ही जाता है..

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  4. जो तू है, सो मैं हूँ, सच है
    पर मुझको अपनी खबर कहाँ,
    अब तू ही तू दिखता हर सूं
    जाती है अपनी नजर जहाँ !....सच कहा..बहुत खुबसूरत भक्तिमय प्रस्तुति...आभार

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  5. कब अपना घूंघट खोलेगा
    कब हमसे भी तू बोलेगा,
    राधा का तू मीरा का भी
    कब अपने सँग भी डोलेगा !
    निराली प्रीत में रंगी सुन्दर रचना ... आभार...

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  6. जब तू ही तू ही सभी जगह
    इन नयनों को क्यों न दीखे !
    waah bahut sundar abhivyakti ...

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  7. बहुत कुछ छिपा है इस सुन्दर सी रचना में ............

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  8. मेरी टिप्पणी कहाँ गयी ? स्पैम देखिएगा

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    1. संगीता जी, स्पैम में भी नहीं मिली आपकी टिप्पणी..आभार !

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  9. मन में चाह हो और लगन सच्ची हो तो वह कब तक छुपेगा। मिल्न तो होना है।

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  10. श्याम रंग में रंगी चुनरिया अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में श्याम बसें हैं और दूसरो आवे न ...बढ़िया प्रस्तुति .

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  11. जो तू है, सो मैं हूँ, सच है
    पर मुझको अपनी खबर कहाँ,
    अब तू ही तू दिखता हर सूं
    जाती है अपनी नजर जहाँ...
    आपकी भक्तिभाव लिए बहुत ही प्यारी कविता! आप यूँ ही लिखती रहें, शुभकामना!
    साभार
    सारिका मुकेश
    ब्लॉग: http://sarikamukesh.blogspot.in/

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  12. इमरान जी, कैलाश जी, अमृता जी, माहेश्वरी जी, संध्या जी, सारिका मुकेश जी, उपासना ज,मनोज जी, रीना जी, अनुपमा जी,संध्या तिवारी जी आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया...

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