एक और आजादी
कौन आजाद हुआ
किसके माथे से गुलामी की स्याही छूटी
दिलों में दर्द है बिगड़ते हालातों का
मादरे हिंद के माथे पे उदासी है वही
खंजर आजाद हैं सीनों में उतरने के लिये
मौत आजाद है लाशों पे गुजरने के लिए !
मगर हर क़ुरबानी
करीब ले न जाएगी मंजिल के ?
राह दिखाती है उम्मीद यही लाखों को
छूटेगी जमीं से गुलामी की स्याही
शहादत इक दिन तो रंग लाएगी
फिर से खुशियों का परचम फहरेगा
सिलसिला जीत का जारी हो जारी रहेगा !
होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
मिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी !
अनिता निहालानी
२८ फरवरी २०११
होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
जवाब देंहटाएंमिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
काश ऐसा हो सके ..सच्ची आज़ादी तभी मिलेगी ...अच्छी प्रस्तुति
होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
जवाब देंहटाएंमिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी !
आमीन! बहुत सटीक और सार्थक प्रस्तुति..काश ऐसा हो..
खंजर आजाद हैं सीनों में उतरने के लिये
जवाब देंहटाएंमौत आजाद है लाशों पे गुजरने के लिए !
और दरअसल आज़ादी चाहिए भुखमरी, अशिक्षा , भ्रष्टाचार से ! बहुत ही अच्छे विचार ! बहुत ही सार्थक और अच्छी रचना के लिए बधाई !
विचारणीय प्रस्तुति!! बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति. काश ऐसा हो.
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ कर चुके
जवाब देंहटाएंबहुत कुछ होना है
फ़िर भी
भाग्य के लेखे है
कहीं पर हंसी है
कहीं पर रोना है
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
जवाब देंहटाएंबजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ....
सुन्दर आकांक्षा...
काश! ऐसा ही हो....
होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
जवाब देंहटाएंमिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी !
बहुत खूब ... उम्दा विचारों से सजी रचना के लिए बधाई स्वीकारें ...
सुन्दर और सामयिक प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंसुंदर ,सार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंek dam pate ki baat kahi aapne
जवाब देंहटाएं