शुक्रवार, नवंबर 11

फिर खाली हो मुस्काएगा


फिर खाली हो मुस्काएगा

एकाकी पर नहीं अकेला
अंतर में सबके इक मेला,
इक आवाज सदा गूंजती
जो करती है ठेलमठेला !

रुकते-रुकते फिर चल पड़ता
गिरते-गिरते फिर उठ जाता,
नन्हा सा यह दिल बेचारा
डगमग करता फिर थम जाता ! 

कभी-कभी ही खुद से मिलता
ज्यादातर दौरे पर रहता,
अपने घर आने से डरता
यहाँ वहाँ ही डोला करता ! 

कुछ भी नहीं है जो खो जाये
व्यर्थ ही घेराबंदी करता,
इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
मोहर लगा चकबंदी करता ! 

इक दिन तो थक कर बैठेगा
निज के ताने बाने खोले,
खुलवायेगा अपने घर के
डरते-डरते भेद अबोले ! 

फिर खाली हो मुस्काएगा
विश्रांति की फसल उगाने,
भर-भर कर झोली उमंग से
गायेगा फिर गीत, तराने !

12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर भाव ..यथार्त ही है ...

    आपकी किसी पोस्ट की चर्चा है कल शनिवार (12-11-2011)को नयी-पुरानी हलचल पर .....कृपया अवश्य पधारें और समय निकल कर अपने अमूल्य विचारों से हमें अवगत कराएँ.धन्यवाद|

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  2. अंतर में सबके इक मेला,

    सच्ची बात!

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  3. ये ज़िन्दगी के मेले जीवन में कम न होंगे!

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  4. एकाकी पर नहीं अकेला
    अंतर में सबके इक मेला,
    इक आवाज सदा गूंजती
    जो करती है ठेलमठेला !
    ...यह बंद बेहतरीन है।

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  5. कुछ भी नहीं है जो खो जाये
    व्यर्थ ही घेराबंदी करता,
    इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
    मोहर लगा चकबंदी करता !

    बहुत चक्कर लगाने हैं चकबंदी कि मोहर के लिए,अनीता जी.

    सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.

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  6. कभी-कभी ही खुद से मिलता
    ज्यादातर दौरे पर रहता,
    अपने घर आने से डरता
    यहाँ वहाँ ही डोला करता !

    बहुत बढ़िया ... सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  7. कुछ भी नहीं है जो खो जाये
    व्यर्थ ही घेराबंदी करता,
    इधर-उधर का ज्ञान अधूरा
    मोहर लगा चकबंदी करता !

    ...बहुत सच कहा है...अपना कुछ भी नहीं और सब कुछ यहीं छोड़ कर जाना है, फिर भी दुनियां में सबकुछ इकठ्ठा करने में जन्म गँवा देता है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..आभार

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  8. मेला है कितना अलबेला....
    सुन्दर गीत...
    सादर बधाई...

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  9. एकाकी पर नहीं अकेला
    अंतर में सबके इक मेला,
    इक आवाज सदा गूंजती
    जो करती है ठेलमठेला !

    बहुत सुन्दर प्रस्तुति.

    आभार.

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  10. आपकी पोस्ट सोमबार १४/११/११ को ब्लोगर्स मीट वीकली (१७)के मंच पर प्रस्तुत की गई है /आप आइये और अपने विचारों से हमें अवगत करिए /आप इसी तरह हिंदी भाषा की सेवा अपनी रचनाओं के द्वारा करते रहें यही कामना है /आपका "ब्लोगर्स मीट वीकली (१७) के मंच पर स्वागत है /जरुर पधारें /आभार /

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  11. आप और आपकी बेहतरीन कवितायेँ दोनों बेजोड़ है.............हैट्स ऑफ |

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