परम पूज्य गुरूजी के लिए
जन्मदिन पर श्रद्धा सुमन
ज्ञान का दीपक जलाते
प्रेम की सरिता बहाते,
दिवस हो या रात्रि पावन
अमरता का गीत गाते !
भय मिटाते हो दिलों से
राह उज्ज्वल भी दिखाते,
मौन की अनुगूँज से तुम
विश्व का प्राँगण गुंजाते !
ज्यों जलों से भरा बादल
कृपा बनकर बरस जाते,
या घना विटप हो कोई
छाँव में अपनी बिठाते !
सारा जहाँ घर तुम्हारा
सभी को अपना बनाते,
प्रीत डोरी से बंधे हैं
दिलों को जीना सिखाते !
आत्मा का ज्ञान देकर
युद्ध में लड़ना सिखाते,
ख़ुशी देने में छिपी है
पाठ सेवा का पढ़ाते !
चाह जो मन में जगी हो
हो समर्पित यह बताते,
सहज ही सन्तुष्ट हो मन
ध्यान का जादू सिखाते !
मरुथलों से दिल बने हैं
कुसुम्भ भक्ति का खिलाते,
कर्म की महिमा बताकर
कर्मयोगी भी बनाते !
आज हर दिल की दुआ है
बरसों जन्म दिन मनाएं,
पुष्प श्रद्धा के खिलाकर
गीत ‘मैं तेरा’ ही गाएं !
पूज्य गुरु जी को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसादर
स्वागत व आभार !
हटाएंसुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंपूज्य गुरु जी को प्रणाम।
पू.गुरुजी को सादर वंदन,एवं शत-शत-संगल कामनाएँ!
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार प्रतिभा जी !
हटाएंसादर वंदन
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