शनिवार, अगस्त 1

आया अगस्त


आया अगस्त 

नव उजास नव आस लिए फिर 
नव प्रभात अगस्त ले आया, 
त्योहारों  का उल्लास लिए  
शुभ अष्टम सु-मास यह  आया !

रक्षा सूत्र बँधे हाथों में 
अंतर प्रीत प्रकट हो इनमें, 
अमर अदाह्य अभेद चेतना 
सदा अभय ही जाना जिसने !

राम बसे जो रोम रोम में 
महिमावान प्रभु पुनः विराजें, 
मंगलमय संदेश प्रेम का 
छाये, हर दुर्बलता त्यागें !

मोहक मधुर तीज हरियाली 
कान्हा का अवतरण दिवस भी, 
ध्वज आरोहण लालकिले पर 
गणपति का होगा पूजन  भी !

कौशल पा सब कर्मशील हों 
भारत की सुनीति शुभकारी
श्रद्धा सँग विश्वास पर टिकी,
शिक्षा में भी अब झलकेगी !

सदा रहे चहुँ ओर सुरक्षित 
सुंदर रीति नीति अपनाए, 
सजग और सतर्क रहकर ही 
स्वयं बचे और को बचाए !


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