घर पर ही रहें
जिंदगी गणित के सूत्रों से नहीं चलती
एक छोटा सा वायरस
जो छुपा है एक आदमी में
अनेक आदमियों में फैल सकता है
एक वायरस...
सारे गणित को फेल कर रहा है
जो ग्रस लेता है
पूरे परिवार को देखते-देखते
वायरस ने आपको छुआ है या आपने उसे
पता भी नहीं चलने देता
आप मुस्कुराते-मुस्कुराते मिल लेते हैं चंद लोगों से
या रख देते हैं अपना रुमाल मेज पर
जो बन चुका है जैविक हथियार
अनजाने में जो भी उठाएगा
वह भी धोखे में आ जायेगा
एक दिन आपका माथा तपता है
आप अस्पताल चले जाते हैं
वहां भी यदि नही रहे सचेत तो
सरक जाते हैं कुछ वायरस स्वास्थ्य कर्मी या नर्स पर
... या कभी डॉक्टर पर
अनजाने में आप बन चुके हैं वाहक
भगवान न करे कभी ऐसा घटे
इसीलिए घर पर ही रहें !
सटीक और सामयिक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
हटाएंसार्थक सन्देश
जवाब देंहटाएंस्वागत व आभार !
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