शुक्रवार, अगस्त 29

गणपति का आगमन


गणपति का आगमन



जब ठहर जाएगा मन अपने आप में
जब मिलन होगा शक्ति का शिव से
तब गणपति का आगमन होगा भीतर
अभी तो दौड़ रहा है हजार-हजार रूपों में बाहर  
एक दिन तो थक जायेगा
उसके बाद भी हवाएं स्पर्श करेंगी पर उसमें
शुभता की खबर होगी
पंछी बोलेंगे पर उसमें विघ्नहर्ता का स्तवन होगा
स्वाद मोदकों का मधुतर हो जाएगा
उनमें उसका स्वाद भी मिल जायेगा
तब जीवन का अर्थ मिलता है
जब किसी के अंतर में यह मिलन घटता है !


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