गुरुवार, जनवरी 19

जो घर खाली दिख जाता है


जो घर खाली दिख जाता है


एक-एक कर चुन डाले हैं
पथ के सारे पत्थर उसने,
कंटक चुन-चुन फूल उगाये
हरियाली दी पथ पर उसने !

ऊपर-ऊपर यूँ लगता है
पर भीतर यह राज छिपा है,
वह खुद ही आने वाला है
उसी हेतु यह जतन किया है !

जिस दिल को चुनता घर अपना
उसे सँवारे  सदा प्रेम से,
जो घर खाली दिख जाता है
डेरा डाले वहीं प्रेम से !

उसकी है हर रीत निराली
बड़ा अनोखा वह प्रियतम है,
एक नयन में देता आँसू
दूजे में भरता शबनम है !

वह जो है बस वह ही जाने
हम तो दूर खड़े तकते हैं,
वही पुलक भरता अंगों में
होकर भी हम कब होते हैं ! 

10 टिप्‍पणियां:

  1. जिस दिल को चुनता घर अपना
    उसे संवारे सदा प्रेम से,
    जो घर खाली दिख जाता है
    डेरा डाले वहीं प्रेम से !

    इश्वर की लीला है ... सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  2. अनीता जी, लम्बे समय से दिल को पूरी तरह खाली रखने के लिए साधना कर रही हूँ .. फिर भी सफल नहीं हो पायी हूँ ..

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर...
    ऊपर-ऊपर यूँ लगता है
    पर भीतर यह राज छिपा है,
    वह खुद ही आने वाला है
    उस हेतु यह जतन किया है !

    ...बढ़िया :-)

    जवाब देंहटाएं
  4. जिस दिल को चुनता घर अपना
    उसे संवारे सदा प्रेम से,
    जो घर खाली दिख जाता है
    डेरा डाले वहीं प्रेम से !

    सच है वो तो सदा तैयार खड़ा है हम ही अपना घर खाली नहीं कर पाते......दुनिया का कूड़ा करकट भर कर रखा है |

    जवाब देंहटाएं
  5. ऊपर-ऊपर यूँ लगता है
    पर भीतर यह राज छिपा है,
    वह खुद ही आने वाला है
    उस हेतु यह जतन किया है !waah

    जवाब देंहटाएं
  6. वह जो है बस वह ही जाने
    हम तो दूर खड़े तकते हैं,
    वही पुलक भरता अंगों में
    होकर भी हम न होते हैं ! गहन अभिवयक्ति........

    जवाब देंहटाएं
  7. संगीता जी, अमृता जी, रश्मि जी, विद्या जी, सुषमा जी, व इमरान आप सभी का स्वागत व आभार!

    जवाब देंहटाएं
  8. एक नयन में देता आँसू
    दूजे में भरता शबनम है !

    यही कहानी जीवन की ....

    जवाब देंहटाएं
  9. वह जो है बस वह ही जाने
    हम तो दूर खड़े तकते हैं,
    वही पुलक भरता अंगों में
    होकर भी हम न होते हैं ..बहुत गहन अभिव्यक्ति,जीवन यही है..

    जवाब देंहटाएं
  10. एक नयन में देता आँसू
    दूजे में भरता शबनम है !

    जिंदगी का सच भी यही है.

    जवाब देंहटाएं