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मंगलवार, मई 10

सफर अब भी वह जारी है


सफर अब भी वह जारी है

अगर दिल में मुहब्बत हो जहाँ जन्नत की क्यारी है
सुकूं तारी सदा रहता यह ऐसी बेकरारी है I

तेरी नजरों से जब देखा यह दुनिया भा गयी मुझको
तेरे पीछे चले थे हम सफर अब भी वह जारी है I

मेरे दिल का हर इक कोना भरा है तेरी यादों से
जहाँ न साथ तेरा हो ऐसा इक पल भी भारी है I

जमाने की निगाहों से सदा जिसने बचाया है
गमों की धूप में वह नीम सी छाँव प्यारी है I

हजारों ढंग सिखलाये तेरी चाहत ने जीने के
सलीका जिंदगी का देख हमसे मौत हारी है I

अनिता निहालानी
१० मई २०११