जीवन जैसे खेल क्रिकेट का
द्वंद्वों सम दो टीमें जिसमें
प्रतिद्वंदिता हर पल इसमें,
चारों ओर घिरे फील्डर
शुभचिंतक हैं पैवेलियन में !
सँग जो साथी दूर खड़ा है,
विकेट कीपर का डर बड़ा है.
परिस्थितियों की गेंदें आतीं
कितनी खुद को नहीं सुहातीं,
फिर भी चौके, छक्के मारें
जीवन कला यही सिखाती !
अनिता निहालानी
१७ दिसंबर २०१०