शुक्रवार, जून 5

विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभकामनायें

विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभकामनायें


रोज भोर में
चिड़िया जगाती है
झांकता है सूरज झरोखे से
पवन सहलाती है
दिन चढ़े कागा
पाहुन का लाये संदेस
पीपल की छाँव
अपने निकट बुलाती है
गोधूलि तिलक करे
गौ जब रम्भाती है
झींगुर की रागिनी
संध्या सुनाती है
नींद में मद भरे
रातरानी की सुवास
प्रातः से रात तक
प्रकृति लुभाती है !

नदियाँ दौड़ती हैं सागर तक
देती सौगातें राह भर
अवरुद्ध करे निर्मल धारा
मानव क्यों स्वार्थ कर
अपना ही भाग्य हरे
प्रकृति का चीर हरे !

7 टिप्‍पणियां:


  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, आज विश्व पर्यावरण दिवस है - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बहुत सुंदर और प्रभावी कविता, कभी मेरे ब्लॉग पर भी पधारें

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  3. स्वागत व आभार हिमकर जी व ओंकार जी

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  4. सचमुच, हम सब को जागरूक होने की जरूरत है।
    ............
    लज़ीज़ खाना: जी ललचाए, रहा न जाए!!

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