शनिवार, फ़रवरी 1

आया वसंत



आया वसंत

चल  सखि !  देखें, सरसों फूली 

हर्षाया उर , हर गम भूली !


हुलस उठी बगिया देखो ना 

नव यौवन वृक्षों पर आया 


लतर हरी भयीं भर-भर फूलीं 

गाया मन ने,  हर ग़म भूली !


चल  सखि !  देखें, सरसों फूली 


भँवरे गुन-गुन गायें फागुन 

कोकिल, मोर, पपीहा टेरें 


अमराई की गंध समो ली 

 हर्षाया उर, हर गम भूली !


चल  सखि !  देखें, सरसों फूली

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