आया वसंत
चल सखि ! देखें, सरसों फूली
हर्षाया उर , हर गम भूली !
हुलस उठी बगिया देखो ना
नव यौवन वृक्षों पर आया
लतर हरी भयीं भर-भर फूलीं
गाया मन ने, हर ग़म भूली !
चल सखि ! देखें, सरसों फूली
भँवरे गुन-गुन गायें फागुन
कोकिल, मोर, पपीहा टेरें
अमराई की गंध समो ली
हर्षाया उर, हर गम भूली !
चल सखि ! देखें, सरसों फूली
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