गुरुवार, अक्टूबर 9

देवियाँ

देवियाँ 


सीता, धरा की पुत्री 

भूमिजा है 

भूमि सिखाती है, कर्म का वर्तन  !

सहज ही आता है 

उनके वंशजों को 

भू, जल, और पर्वतों का  

संरक्षण !


लक्ष्मी, सागर पुत्री 

जलजा है  

जल बहना सिखाये 

उर में भक्ति जगाये  !!

जल निधियों का स्रोत 

 मन को तरल बनाये  !


 सरस्वती आकाश पुत्री 

नभजा 

गगन है ज्ञान  !

अस्पृश्य रह जाता है 

हर विषमता से 

विवेक जगाता है ! 


पर्वत पुत्री उमा 

पार्वती है !

दुर्गा बन शौर्य जगाती 

गौरी बन आनंद बरसाती ! 


यज्ञ की ज्वालाओं से 

प्रकट हुई द्रौपदी 

अग्नि करती है पावन 

महाभारत की नायिका 

सदा करे कृष्ण का अभिनंदन ! 


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