गुरुवार, अगस्त 8

सुषमा स्वराज


सुषमा स्वराज


हमें नाज है भारत की इस बेटी पर
जो जन-जन की आवाज बनी
जिसने पहचाना ही नहीं भारत की आत्मा को
अपने शब्दों से उसे सुंदर आकार दिया
लाखों लोगों के दिलों पर राज किया
जिसका दिल इतना विशाल था
'वसुधैव कुटुम्बकम' की भावना को कर दिया जीवंत
अपने कर्मों से सरहद पार भी अपना प्यार दिया !
माथे पर लाल बड़ी सी बिंदी
और मांग में चमकता सिंदूर
बयाँ कर देते हैं उसके दिल में बसे भारतीय मूल्यों की गाथा
निडर, निर्भीक, प्रतिभाशाली, ओजस्वी, प्रखर वक्ता
राजनीति में नये मानदंडों की संस्थापक
दूरदर्शी, स्नेहमयी एक कुशल प्रशासक
अपने विरोधियों को भी भाई बनाने की कला जिन्हें आती थी
बरसों बाद भी मिलीं हों किसी से उनके नाम से बुलाती थीं
ऐसी हमारी अपनी सुषमा जी को
शत शत नमन
आज देश करता है हाथ जोड़कर उन्हें वन्दन !!



6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (09-08-2019) को "रिसता नासूर" (चर्चा अंक- 3422) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. सुषमा जी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है ... नमन है मेरा ...

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