शुक्रवार, फ़रवरी 4

वसंत पंचमी


वसंत पंचमी 

माघ मास के शुक्ल पक्ष की

तिथी पंचमी जब भी आती,

खिलते दिगंत, आता वसंत

सरस्वती पूजा शुभ भाती !


विद्या, बुद्धि, ज्ञान, वाणी, श्री 

मेधा, प्रज्ञा, धी, स्मृति, ब्राह्मी ,

माँ भारती, हंसविराजती 

आद्या शक्ति परमेश्वर की !


वीणापाणि, श्वेताम्बरा माँ 

कुमुदी, शारदा अनगिन नाम,

भाषा, इला, गो, वाग्देवी 

बारम्बार है तुम्हें प्रणाम!


श्वेत हंस वाहन अति सुंदर

 आसन पंकज श्वेत विराजे,

दो हाथों में वाद्य उठाये

वेद, पुहुप बाक़ी में साजे !


अमृतमय, हो प्रकाश पुंज तुम

शुभ कृपा बरसती है प्रतिपल,

शुद्ध प्रेममय, हे  तेजोमय 

अंतर में बसो सदा अविचल !

12 टिप्‍पणियां:

  1. लाजवाब कविता। बसंत पंचमी पर्व की अग्रिम शुभकामनाएँ🙏

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  2. हमारी कारस्तानियों से बसंत क्या सारी ऋतुएं अस्त-व्यस्त हो कर रह गईं हैं

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    1. सही है, उत्तर भारत में अभी ठंड का प्रकोप है और यहाँ अभी से पारा ३० से ऊपर पहुँच गया है

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  3. हार्दिक प्रणाम! अनंत शुभकामनाएँ।

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  4. अमृतमय, हो प्रकाश पुंज तुम
    शुभ कृपा बरसती है प्रतिपल,
    शुद्ध प्रेममय, हे तेजोमय
    अंतर में बसो सदा अविचल !
    बेहतरीन भावाभिव्यक्ति । अनंत शुभकामनाएँ ।

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  5. माँ सरस्वती को नमन है आज के दिन ... जिनके बिना जीवन में भावनाएं नहीं ...
    बसंत पंचमी की बहुत शुभकामनायें ...

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  6. मां सरस्वती की सुन्दर अभ्यर्थना अनीता जी। आपकी लेखनी इस तरह की रचनाओँ की सृजना में पारंगत है। ढेरों शुभकामनाएं 🙏🙏🌷🌷

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