मंगलवार, मार्च 20

जाग गया जो अपने भीतर



जाग गया जो अपने भीतर


भक्ति का मतलब है सीधा
मै तेरा हूँ, तू है मेरा,
जितना, जैसे तू चाहेगा
उतना ही मुझसे पायेगा !

जग में जिसको प्रेम जानते
संदेहों से घिरा ही रहता,
घटता बढ़ता देख वक्त वह
कहाँ एक सा सदा वह रहता !

लेकिन उसने वचन दिया है
बिना शर्त वही अपनाता,
जाग गया जो अपने भीतर
उसी एक से वह मिल जाता !  

वह है जैसा, वैसे हैं हम
फिर कैसी खुशी और कैसा गम,
जैसे वह अलिप्त ही रहता
न होने का देता है भ्रम !




3 टिप्‍पणियां:

  1. जग में जिसको प्रेम जानते
    संदेहों से घिरा ही रहता,
    घटता बढ़ता देख वक्त वह
    कहाँ एक सा सदा वह रहता !

    लेकिन उसने वचन दिया है
    बिना शर्त वही अपनाता,
    जाग गया जो अपने भीतर
    उसी एक से वह मिल जाता !

    सत्य से परिपूर्ण पोस्ट........बहुत ही सुन्दर ।

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  2. सुन्दर!!!
    ना होने का भ्रम भी है..वहीँ होने का अटूट विश्वास भी....

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  3. बढ़िया प्रस्तुति |
    बधाई स्वीकारें ||

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