ईद मुबारक
एक ही अल्लाह
एक ही रब है,
एक खुदा है
एक में सब है !
अंत नहीं उसकी रहमत का
करें शुक्रिया हर बरकत का,
उसकी बन्दगी जो भी करता
क्या कहना उसकी किस्मत का !
जग का रोग लगा बंदे को
नाम दवा कुछ और नहीं है,
वही है मंजिल वही है रस्ता
तेरे सिवा कोई ठौर नहीं है
!
सारे जहां का जो है मालिक
छोटे से दिल में आ रहता,
एक राज है यही अनोखा
जाने जो वह सुख से सोता !
तू ही अव्वल तू ही आखिर
तू अजीम है तू ही वाहिद,
दे सबूर तू नूर जहां का
तू ही वाली इस दुनिया का !
अल कादिर तू है कबीर भी
तू हमीद और तू मजीद भी,
दाता है, तू रहीम, रहमान
अल खालिक तू मेहरबान !
तेरे कदमों में दम निकले
दिल में एक यही ख्वाहिश है,
तेरा नाम सदा दिल में हो
ईद पे तुझसे फरमाइश है !
आमीन ...
जवाब देंहटाएंसब पर खुशियाँ बरसाए ईद .. ईद मुबारक!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंखुशिया फैलाये ये ईद...
यही कामना है...
:-)
एक ही अल्लाह
जवाब देंहटाएंएक ही रब है,
एक खुदा है
एक में सब है !,....बहुत सुन्दर.. ईद मुबारक!
bahut sundar....id mubarak
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.. ईद मुबारक!
जवाब देंहटाएंeid mubarak ..sarthak post
जवाब देंहटाएंWORLD'S WOMAN BLOGGERS ASSOCIATION-JOIN THIS NOW
अच्छा सन्देश देती है .. सार्थक करती है त्यौहार को आपकी रचना ..
जवाब देंहटाएंईद की बधाई ....
सतीश जी, रीना जी, संध्या जी, शिखा जी, दिगम्बर जी, वन्दना जी, अमृता जी, माहेश्वरी जी, आप सभी का स्वागत व आभार !
जवाब देंहटाएंदेर से आने की माफ़ी.....शुक्रिया..... आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक।
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