मंगलवार, मार्च 3

उससे भी

उससे भी



सागर की अतल गहराई में
जहाँ छिपे हैं हजारों मोती
जिनकी आभा से जगमगाती है जल नगरी
उससे भी चमकदार है तेरा नाम !

सुदूर नील आकाश की ऊँचाई में
जहाँ चमकते हैं हजारों सितारे
जिनकी दमक लजाती है सूर्य को
उससे भी उजला है तेरा रूप !

किसी अनजान द्वीप से आती है सुवास
अनाम फूलों से
जिसे कभी छुआ नहीं किसी नासापुट ने
उससे भी ज्यादा सुवासित है तेरा स्मरण !  

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