इक विश्वास हृदय में अनुपम
जीवन इक उपहार उसी का
जो सदा निकट, है सुदूर अति,
जिससे यह श्वासें चलती हैं
प्राणों में बल, तन-मन में गति !
जीवन ज्यों स्वीकार सभी का
सुख-दुःख बारी-बारी बरसे,
दिवस बिना भला कैसी रात्रि
स्मित अधरों पर, अश्रु नयन में !
जीवन है इज़हार प्रेम का
घटता-बढ़ता नहीं मोह सम,
एक अचल मृदु आश्रय कोई
इक विश्वास हृदय में अनुपम !
जीवन शुभ व्यापार प्रकृति का
शीत कँपाए, ग्रीष्म सताए,
ऋतु बहार, फिर पतझड़ लाती
बादल बारिश राग सुनाए !
जीवन इक उपकार किसी का
कोई दाना, वस्त्र उगाए,
दिया ज्ञान, घर-द्वार बनाता
पग-पग नया सहायक आए !