सोमवार, जनवरी 16

इक विश्वास हृदय में अनुपम

इक विश्वास हृदय में अनुपम 


जीवन इक उपहार उसी का 

जो सदा निकट, है सुदूर अति, 

जिससे यह श्वासें चलती हैं 

प्राणों में बल, तन-मन में गति !


जीवन ज्यों स्वीकार सभी का 

सुख-दुःख बारी-बारी बरसे, 

 दिवस बिना भला कैसी रात्रि 

स्मित अधरों पर, अश्रु नयन में !


जीवन है इज़हार प्रेम का 

 घटता-बढ़ता नहीं मोह सम, 

एक अचल मृदु आश्रय कोई 

इक विश्वास हृदय में अनुपम !


जीवन शुभ व्यापार प्रकृति का 

 शीत कँपाए, ग्रीष्म सताए,  

ऋतु बहार, फिर पतझड़ लाती  

बादल बारिश राग सुनाए !


जीवन इक उपकार किसी का 

कोई दाना, वस्त्र उगाए, 

दिया ज्ञान, घर-द्वार बनाता 

पग-पग नया सहायक आए !


10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 17 जनवरी 2023 को साझा की गयी है
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. कितने पक्ष मिलते हैं तब होता है जीवन का संयोजन!

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  3. क्या बात कही है ... सच में जीवन एक उपहार है और ये प्रकृति न जाने क्या क्या अंश डालती है इसमें ... तपाती है पूर्णता की और ले जाती है ...

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  4. जीवन की सुंदर उपमाएं।
    सकारात्मक भाव से सजी अभिव्यक्ति।

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