शुभता के प्रतीक गणनायक
गणपति हैं जन-जन के नायक
हर घर-आँगन में बस जाते,
नृत्य, गायन, साज-सज्जा के
जाने कितने ढंग सिखाते !
पाहन, माटी, काष्ठ की मूर्ति
स्वर्ण, रजत, पीतल, क्रिस्टल की,
कलावृंद प्रेरित हो रचते
भक्त प्रेम से पूजा उसकी !
मूषक, मोदक, रूप सुहाना
भर देते उमंग ह्रदयों में,
कहीं स्तोत्र, मंत्रों का गायन
हवन यज्ञ होता कुंडों में !
शुभता के प्रतीक गणनायक
मंगलकारी, बाधा हरते,
वरद हस्त, अभय मुद्रा धरे
हर दिल में उल्लास जगाते !
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