बुधवार, जून 8

एक और आजादी


एक और आजादी

कौन आजाद हुआ
किसके माथे से गुलामी की स्याही छूटी
दिलों में दर्द है बिगड़ते हालातों का
देश खामोश, माथे पे उदासी है वही
खंजर आजाद हैं सीनों में उतरने के लिये
मौत आजाद है लाशों पे गुजरने के लिए !

मगर हर क़ुरबानी 
करीब ले न जाएगी मंजिल के ?
राह दिखाती है उम्मीद यही लाखों को
छूटेगी जमीं से गुलामी की स्याही
शहादत इक दिन तो रंग लाएगी
फिर से खुशियों का परचम फहरेगा  
सिलसिला जीत का जारी हो जारी रहेगा !

होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
मिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी !


अनिता निहालानी
८ जून  २०११




5 टिप्‍पणियां:

  1. दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
    देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी !

    उम्मीद से जुड़ा है मन ....
    एक सपन देखे नयन .....!!
    इस सपने में मैं भी आपके साथ देश के उज्जवल भविष्य की कमाना कर रही हूँ ...!!
    बहुत सुंदर रचना ..!!

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  2. होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
    मिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
    बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
    बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ

    काश ऐसा हो सके ...बस उम्मीद पर दुनिया कायम है .

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  3. होगा आजाद हर शख्स भुखमरी से तब
    मिलेगी शिक्षा खुशहाली नजर आयेगी
    बेईमान नहीं होंगे शासक अपने
    बजेगी बंसी चैनो-अमन की हर तरफ
    दुनिया देखेगी चिड़िया एक सोने की
    देश बढ़ेगा ध्वजा सत्य की लहराएगी
    aisa avashay hoga anita ji .sundar sarthak prastuti.badhai.

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  4. मौत आजाद है लाशों पे गुजरने के लिए -
    bahut sateek abhivyakti.aabhar

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  5. ऐसा एक दिन ज़रूर होगा.....हमें खुद को बदलना होगा.....बहुत सुन्दर पोस्ट|

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