बुधवार, फ़रवरी 13

तू महासूर्य मैं एक किरण




तू महासूर्य मैं एक किरण


तू महासूर्य मैं एक किरण
तू सिंधु अतल हूँ लहर एक,
मैं भ्रमर बना डोला करता
शुभ खिला हुआ तू कमल एक !

मैं श्वेत श्याम घन अम्बर का
तू विस्तारित नील आकाश,
मैं गगन तारिका जुगनू सम 
तू ज्योतिर्मया महा प्रकाश !

तू महा आरण्य चन्दनवट
मैं कोमल डाली इक वट की,
तू ज्वाला का इक महाकुंड
मैं लघु काया इक चिंगारी !

तू अन्तरिक्ष है अंतहीन
छोटा सा ग्रह मैं घूम रहा,
तू महाप्रलय सा दीर्घ पवन
मैं मंद समीरण बन बहता !

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