सोमवार, जुलाई 9

पुत्र के जन्मदिन पर




 माँ का उपहार 
पिता ने कहा कुछ दिन पहले
जन्मदिन आ रहा है तुम्हारा, क्या भेजें !
परमात्मा ने दिया है सब कुछ तुम्हें
सोचा, भेजते हैं थोड़ी सी दुआएं
दुआएं.. जो दूर तक साथ जाती हैं
जब घना हो अँधेरा तब उम्मीद का दीप जलाती हैं
इसी तरह खिला रहे मृदु मुस्कान से चेहरा तुम्हारा
हर कदम पर बनो एक-दूजे का सहारा
मित्रों संग खेलो-खिलखिलाओ
गमलों में कुछ और गुलाब उगाओ
इस शुभ दिन पर थोड़ा ध्यान भी करो
किसी जरूरत मंद को जाकर कुछ दान भी करो
सुबह उठकर शुक्रिया करना हर उस शख्स का
जिसकी वजह से आज तुम्हें यह मुकाम है मिला
पूर्वजों को याद करना, अपनों से आशीष लेना
मित्रों संग भोज कर, नव सृजन का स्वप्न देखना


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