बुधवार, मई 28

चुनाव हमारा है




चुनाव हमारा है

कल हम हो जायेंगे विदा 
और परसों 
लोग हमें भूल जायेंगे  
इस तरह 
जैसे कि कभी था ही नहीं 
अस्तित्त्व हमारा
इस दुनिया में 
हमारे हाथ में है ‘आज’ 
चाहे तो गीत गुनगुना लें
या उस अहंकार को सजा लें
जो है ही नहीं।।
उसके कारण अपने पावों में
काँटों को चुभा लें 
या दी है जिसने जिन्दगी की नेमत 
उस रब को रिझा लें !

12 टिप्‍पणियां:

  1. अंतर्मन को झकझोर कर उसे सोचने पर मजबूर कर देती सच्चाई एक दीया मन का जला ले अपनी कोशिश से तो फिर काहे का अँधियारा ।

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    1. बहुत सही कहा है आपने प्रियंका जी, स्वागत व आभार !

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 29 मई 2025 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  3. वाह !
    जो है नहीं
    उसके लिए ,
    जो है
    उसे मत खोना ।

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  4. सच कहा है अपने ... आज ही सब है ... कुछ सने के बाद सब भूल जाते अहिं ...

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