गुरुवार, मई 22

देवी कवच

देवी कवच 


शैलपुत्री सी अडिग हो 

नित ब्रह्म में विचरण करे, 

चन्द्र ज्योति निनाद घंटा 

शुभ चेतना धारण करे !


स्कन्द जैसी वीरता हो 

कात्यायनी सी मधुर छवि, 

  कालरात्रि सी अति भीषण

गौरी माता सी हो द्युति !


सिद्धिदात्री हो प्रदाता 

चेतना पावन बनेगी,  

हर काल औ’ हर देश में 

सत्य का साधन बनेगी ! 


जगे प्राणशक्ति बन प्रबल 

उर भाव सारे शुद्ध हों, 

मन समर्पित हों हमारे 

सभी सर्वदा प्रबुद्ध हों !


हर दिशा में वह हमारा

मार्ग दर्शन मंगल करें,  

देवी कवच सी बन सदा  

नित भक्ति की रक्षा करें !


4 टिप्‍पणियां:

  1. दुर्गा देवी सदा दुष्टदलन नाशिनी कृपा भक्ति स्त्रोतास्विनी ।

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  2. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शनिवार 24 मार्च 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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