सोमवार, मई 26

चुनाव

चुनाव 


 गा रहे पंछी 

 बह रही हवा 

घूम रही धरा  

 हो रहा अपने आप सब कुछ !


चल रही श्वास  

 बढ़ रही उम्र  

 दौड़ रहा मन  

 हो रहा अपने आप सब कुछ !


 साक्षी

भूताकाश व चित्ताकाश का 

जिस पर  

टिकी है सारी सृष्टि 


अकर्ता 

वह अनुमंता 

हर चुनाव 

जिसके हाथ में  !


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